“Hit And Run Law in India Hindi 2024: में हुए संशोधन ने देशभर में बवाल मचा दिया है। इस कानून का मतलब है कि जब कोई व्यक्ति या संपत्ति को गाड़ी से टकराकर भाग जाता है, तो उसे जुर्माना देना हो सकता है।
नए संशोधन का ड्राइवर विरोध कर रहे है, कई प्रदेशों में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल हो रही है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, और महाराष्ट्र में यह आंदोलन प्रभावी है। पेट्रोल पंपों पर लंबी कतारें और सार्वजनिक परिवहन में बाधाएं बढ़ी हैं। सरकार और ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बीच दिल्ली में हुई बैठक में अंत में हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लिया गया है, लेकिन इस मुद्दे पर विवाद जारी है।”
नए Hit And Run Law in India Hindi 2024 क्या है?
यह नया कानून हाल ही में संसद से मान्यता प्राप्त कर चुका है और इसके बारे में देशभर में उत्पन्न विरोध की चर्चा हो रही है। इसके तहत, लापरवाही से होने वाली मौत पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।
- धारा 104(1): बिना सोचे-समझे या लापरवाही से किसी की मौत का कारण बनने पर पांच साल तक कारावास और जुर्माने की सजा है।
- धारा 104(2): लापरवाही से वाहन चलाकर किसी की मौत का कारण बनने पर दस साल तक कारावास और जुर्माने की सजा है, और इसमें घटना के तुरंत बाद पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को सूचना देने की भी अपेक्षा है।
यह संशोधन सड़क सुरक्षा में सुधार के उद्देश्य से किया गया है और सामाजिक न्याय में सुधार करने का प्रयास है।
पहले हिट एंड रन कानून और नए संशोधन में बेहतर कौन
पहले हिट एंड रन कानून ( Hit And Run Law )
- आईपीसी (Indian Penal Code):हिट एंड रन मामलों के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) में विशेष धाराएं नहीं थीं।
- धारा 279: लापरवाह ड्राइविंग के लिए सजा का प्रावधान, जिसमें मानव जीवन को खतरा होने पर कारावास, जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।
नए संशोधन ( Hit And Run Law )
- आईपीसी (Indian Penal Code): हिट एंड रन के मामलों के लिए नए संशोधन में धारा 104 (1) और (2) का जिक्र है।
- धारा 104(1): लापरवाही से मौत के लिए कारावास या जुर्माना का प्रावधान है।
- धारा 104(2): लापरवाही से वाहन चलाने के बाद मौत के लिए कारावास और जुर्माना का प्रावधान है, और इसमें घटना के तुरंत बाद पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को सूचना देने की भी अपेक्षा है।
- धारा 304ए: लापरवाही से मौत के लिए भी सजा का प्रावधान है, जिसमें दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
- धारा 338: जब पीड़ित की मौत नहीं होती, लेकिन वह गंभीर रूप से घायल होता है, तो उसके लिए भी सजा का प्रावधान है।
Hit And Run Law और भी नियम हैं
मोटर वाहन अधिनियम 1988 में हिट एंड रन के मामलों के लिए और भी कई महत्वपूर्ण नियम हैं।
- धारा 161: इसमें हिट एंड रन के पीड़ितों को मुआवजे का प्रावधान है। मृत्यु के मामले में 25,000 रुपये और गंभीर चोट के मामले में 12,500 रुपये का मुआवजा दिया जाता है।
- धारा 134(ए): इसके तहत, दुर्घटना करने वाले ड्राइवर को घायल व्यक्ति को तुरंत चिकित्सा सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है, जिससे घायल की स्थिति में त्वरित सहायता हो सके।
- धारा 134(बी):यहां जिक्र है कि चालक को दुर्घटना से संबंधित जानकारी को त्वरित पुलिस अधिकारी को देना आवश्यक है। अन्यथा चालक को दंडित किया जाएगा।”
क्यों जरूरत पड़ी नए कानून की
नए नियम की आवश्यकता इसलिए थी क्योंकि हिट एंड रन के मामलों में अपराध स्थल पर कोई सबूत उपलब्ध नहीं होता, जिससे पुलिस को जांच में कठिनाई होती है। अपराधी अक्सर भाग जाते हैं और सबूतों को छुपाना और जांच से बचना उनके लिए आसान हो जाता है।
इसके अलावा, गवाहों को भी कानूनी मसलों में फंसने का खौफ रहता है, जिससे उन्हें मदद करने में कठिनाई होती है। नए नियम का उद्देश्य इन समस्याओं का समाधान करना है ताकि जांच प्रक्रिया सुरक्षित और प्रभावी हो सके।”
विरोध क्यों हो रहा इस कानून का
नए नियम के खिलाफ विरोध इसलिए हो रहा है क्युकी ड्राइवरों को डर है कि यदि वे नए नियम के अनुसार घायल की मदद करते हैं, तो भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है। और आप तो जानते ही हैं की जब जनता को गुस्सा आए तो किसी को भी नहीं बकशती, इसलिए देशभर इसका विरोध हो रहा है।
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